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Monday, February 14, 2011


एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकर,
हर चीज़ का हिसाब देंगे क़यामत समझकर,
मेरी दोस्ती पे कभी शक ना करना,
हम दोस्ती भी करते है इबादत समझकर
क्यूं कहते हो मेरे साथ कुछ भी बेहतर नही होता,
सच ये है के जैसा चाहो वैसा नही होता,
कोई सह लेता है कोई कह लेता है,
क्यूँकी ग़म कभी ज़िंदगी से बढ़ कर नही होता,

आज अपनो ने ही सीखा दिया हमे,
यहाँ ठोकर देने वाला हैर पत्थर नही होता,
क्यूं ज़िंदगी की मुश्क़िलो से हारे बैठे हो,
इसके बिना कोई मंज़िल, कोई सफ़र नही होता,
दोस्ती नाम नहीं सिर्फ़ दोस्तों के साथ रेहने का..
बल्कि दोस्त ही जिन्दगी बन जाते हैं, दोस्ती में..

जरुरत नहीं पडती, दोस्त की तस्वीर की.
देखो जो आईना तो दोस्त नज़र आते हैं, दोस्ती में..

येह तो बहाना है कि मिल नहीं पाये दोस्तों से आज..
दिल पे हाथ रखते ही एहसास उनके हो जाते हैं, दोस्ती में..

नाम की तो जरूरत हई नहीं पडती इस रिश्ते मे कभी..
पूछे नाम अपना ओर, दोस्तॊं का बताते हैं, दोस्ती में..

कौन केहता है कि दोस्त हो सकते हैं जुदा कभी..
दूर रेह्कर भी दोस्त, बिल्कुल करीब नज़र आते हैं, दोस्ती में..
भगवान से क्या मांगू तेरे वास्ते,
सदा खुशियों से भरे हों तेरे रास्ते|

हंसी तेरे चेहरे पे रहे इस तरह,
खुशबू फूल का साथ निभाती है जिस तरह|

सुख इतना मिले की तू दुःख को तरसे,
पैसा शोहरत इज्ज़त रात दिन बरसे|

आसमा हों या ज़मीन, हर तरफ तेरा नाम हों,
महकती हुई सुबह और लहलहाती शाम हो|

कभी कोई परेशानी तुझे न सताए,
रात के अँधेरे में भी तू सदा चमचमाए|

दुआ ये मेरी कुबूल हो जाये,
खुशियाँ तेरे दर से न जाये|

इक छोटी सी अर्जी है मान लेना,
हम भी तेरे दोस्त हैं ये जान लेना|

खुशियों में चाहे हम याद आए न आए,
पर जब भी ज़रूरत पड़े हमारा नाम लेना|

इस जहाँ में होंगे तो ज़रूर आएंगे,
दोस्ती मरते दम तक निभाएंगे|

सिर्फ़ भ्रम हे कि दोस्त होते ह अलग-अलग..
दर्द हो इनको ओर, आंसू उनके आते हैं , दोस्ती में..

माना इश्क है खुदा, प्यार करने वालों के लिये "अभी"
पर हम तो अपना सिर झुकाते हैं, दोस्ती में..

ओर एक ही दवा है गम की दुनिया में क्युकि..
भूल
दा से क्या मांगू तेरे वास्ते
सदा खुशियों से भरे हों तेरे रास्ते
हंसी तेरे चेहरे पे रहे इस तरह
खुशबू फूल का साथ निभाती है जिस तरह
सुख इतना मिले की तू दुःख को तरसे
पैसा शोहरत इज्ज़त रात दिन बरसे
आसमा हों या ज़मीन हर तरफ तेरा नाम हों
महकती हुई सुबह और लहलहाती शाम हो
तेरी कोशिश को कामयाबी की आदत हो जाये
सारा जग थम जाये तू जब भी गए
कभी कोई परेशानी तुझे न सताए
रात के अँधेरे में भी तू सदा चमचमाए
दुआ ये मेरी कुबूल हो जाये
खुशियाँ तेरे दर से न जाये
इक छोटी सी अर्जी है मान लेना
हम भी तेरे दोस्त हैं ये जान लेना
खुशियों में चाहे हम याद आए न आए
पर जब भी ज़रूरत पड़े हमारा नाम लेना
इस जहाँ में होंगे तो ज़रूर आएंगे
दोस्ती मरते दम तक निभाएंगे

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